
किसान आंदोलन के समर्थन में जुखाला में कृषि मंत्री का पुतला फूंकते हुए।
– फोटो : BILASPUR
पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
ख़बर सुनें
बिलासपुर। किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रांसमिशन लाइनों के प्रभावित एवं विस्थापित किसानों का धरना 11वें दिन में प्रवेश कर गया। किसानों ने केंद्रीय कृषि मंत्री का पुतला जलाया और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि कृषि मंत्री को तुरंत बर्खास्त करें और मामले में मध्यस्थता कर उचित निराकरण करें।
मंच के राष्ट्रीय संयोजक एवं भारतीय किसान यूनियन के हिमाचल संयोजक अधिवक्ता रजनीश शर्मा ने कहा कि कृषि मंत्री किसान संगठनों को यह कहकर गुमराह करने का काम कर रहे हैं कि सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई की तारीख तय हुई है। किसानों को उसका इंतजार करना चाहिए। मंच के राज्य अध्यक्ष खूब राम सोनी ने कहा कि केंद्र सरकार को आम जनता को जवाब देना चाहिए कि नए कृषि कानून बिना चर्चा के कोरोना काल में जल्दबाजी और किसानों के सुझावों को आमंत्रित किए बिना बना दिए गए। किसान संगठनों ने कृषि मंत्री को बर्खास्त कर मामले का शीघ्र तय समय के अंदर निराकरण करने की मांग की है। 11वें दिन धरने पर इंदु ठाकुर, मंजू देवी, सुनीता देवी, सावित्री देवी, विमला देवी, किरण ठाकुर, कांता ठाकुर बैठीं।
बिलासपुर। किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रांसमिशन लाइनों के प्रभावित एवं विस्थापित किसानों का धरना 11वें दिन में प्रवेश कर गया। किसानों ने केंद्रीय कृषि मंत्री का पुतला जलाया और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि कृषि मंत्री को तुरंत बर्खास्त करें और मामले में मध्यस्थता कर उचित निराकरण करें।
मंच के राष्ट्रीय संयोजक एवं भारतीय किसान यूनियन के हिमाचल संयोजक अधिवक्ता रजनीश शर्मा ने कहा कि कृषि मंत्री किसान संगठनों को यह कहकर गुमराह करने का काम कर रहे हैं कि सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई की तारीख तय हुई है। किसानों को उसका इंतजार करना चाहिए। मंच के राज्य अध्यक्ष खूब राम सोनी ने कहा कि केंद्र सरकार को आम जनता को जवाब देना चाहिए कि नए कृषि कानून बिना चर्चा के कोरोना काल में जल्दबाजी और किसानों के सुझावों को आमंत्रित किए बिना बना दिए गए। किसान संगठनों ने कृषि मंत्री को बर्खास्त कर मामले का शीघ्र तय समय के अंदर निराकरण करने की मांग की है। 11वें दिन धरने पर इंदु ठाकुर, मंजू देवी, सुनीता देवी, सावित्री देवी, विमला देवी, किरण ठाकुर, कांता ठाकुर बैठीं।